श्रेष्ठ कर्म यज्ञ है , परम धर्म यज्ञ है
आपस के प्रेम का , सत्य मर्म यज्ञ है
यज्ञ विश्व शांति है , यज्ञ बिन अशांति है
जीवन के तिमिर में, यज्ञ एक क्रांति है
यज्ञ वेद गीत है, यज्ञ विश्व मीत है
यज्ञ के बिन हार है , यज्ञ से ही जीत है
यज्ञ तो सुगंध है , यज्ञ गुण अबंध है
वायु के सुधार का, यज्ञ ही प्रबंध है
यज्ञ मन की शक्ति है , यज्ञ ईश भक्ति है
यज्ञ व्यक्ति से नहीं , यज्ञ से ही व्यक्ति है
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